Friday, 6 June 2025

किरण रिजिजू ने लॉन्च किया UMEED पोर्टल, वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में आएगी पारदर्शिता

किरण रिजिजू ने लॉन्च किया UMEED पोर्टल, वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में आएगी पारदर्शिता



केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य और संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने आज शुक्रवार को नई दिल्ली में UMEED Central Portal का शुभारंभ किया। यह पोर्टल भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को आधुनिक और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस अवसर पर अल्पसंख्यक कार्य राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन भी मौजूद रहे। रिजिजू ने कहा कि यह पोर्टल वक्फ संपत्ति प्रशासन के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ेगा और विशेष रूप से मुस्लिम समाज के आम लोगों, महिलाओं और बच्चों को लाभ देगा। उन्होंने कहा, “UMEED पोर्टल पारदर्शिता लाएगा और यह सुनिश्चित करेगा कि वक्फ संपत्तियों का सही उपयोग हो।”

UMEED का पूरा नाम है- Unified Waqf Management, Empowerment, Efficiency, and Development Act, 1995। इसके तहत विकसित यह केंद्रीय पोर्टल वक्फ संपत्तियों की रियल-टाइम अपलोडिंग, सत्यापन और निगरानी की सुविधा देगा। इसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के उपयोग को सही दिशा में ले जाना और कमजोर तबकों के कल्याण में योगदान देना है।

यह डिजिटल प्लेटफार्म वक्फ संपत्तियों की जियो-टैगिंग, जीआईएस मैपिंग और ई-गवर्नेंस टूल्स के साथ एकीकृत है, जिससे संपत्तियों की पहचान और प्रबंधन आसान हो सके। पोर्टल में ऑनलाइन शिकायत निवारण प्रणाली भी है, जिससे आम नागरिक अपनी समस्याएं दर्ज कर सकें और उनका समाधान ट्रैक कर सकें।

राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन ने कहा कि यह सुधार बहुत पहले हो जाना चाहिए था। उन्होंने कहा, “इस प्रणाली से यह सुनिश्चित होगा कि हर वक्फ संपत्ति का हिसाब रखा जाए और उसका उपयोग उसी उद्देश्य के लिए हो, जिसके लिए वह दी गई थी। यह वक्फ प्रशासन को जनता के और करीब लाएगा।” इस अवसर पर अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के सचिव डॉ. चंद्र शेखर कुमार ने कहा कि UMEED पोर्टल डिजिटल वक्फ गवर्नेंस की रीढ़ बनेगा। उन्होंने कहा, “यह मंच सुनिश्चित करेगा कि वक्फ संपत्तियां शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका और समाज कल्याण जैसे क्षेत्रों में मुस्लिम समाज के कमजोर वर्गों की मदद करें।” यह पोर्टल जनता को सत्यापित रिकॉर्ड तक पहुंच देने के साथ-साथ पारदर्शी लीजिंग प्रक्रिया सुनिश्चित करेगा और वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने में मदद करेगा।-(With input ANI)

(स्रोतः ANI & D D News)


आरबीआई ने रेपो रेट घटाकर 5.5% की, नीतिगत रुख को बनाया तटस्थ

आरबीआई ने रेपो रेट घटाकर 5.5% की, नीतिगत रुख को बनाया तटस्थ




भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को अर्थव्यवस्था में वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए रेपो रेट में 50 आधार अंकों की कटौती कर इसे 6 प्रतिशत से 5.5 प्रतिशत करने की घोषणा की। मुद्रास्फीति आरबीआई के 4 प्रतिशत के निचले बैंड से नीचे आ गई है।

आरबीआई द्वारा लगातार तीसरी बार रेपो दर में की गई कटौती

यह RBI द्वारा लगातार तीसरी बार रेपो दर में कटौती है, क्योंकि मुद्रास्फीति में नरमी के कारण बैंक को आर्थिक विकास को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करने का मौका मिला। 

सीआरआर में भी 100 आधार अंकों की कटौती की गई

वहीं नकद आरक्षित अनुपात (CRR) में भी 100 आधार अंकों की कटौती की गई है। आरबीआई गवर्नर ने सीआरआर में 100 आधार अंकों की कटौती की भी घोषणा की, जो 6 सितंबर, 4 अक्टूबर, 1 नवंबर और 29 नवंबर से शुरू होने वाले 25 आधार अंकों के चार बराबर चरणों में प्रभावी होगी। इस कदम से बैंकिंग प्रणाली में 2.5 लाख करोड़ रुपये आने की उम्मीद है, जिससे तरलता बढ़ेगी और ऋण प्रवाह को समर्थन मिलेगा।

नीतिगत दर कम होने से बैंक ऋणों पर ब्याज दर में आती है कमी 

बताना चाहेंगे कि नीतिगत दर कम होने से बैंक ऋणों पर ब्याज दर में कमी आती है, जिससे उपभोक्ताओं के साथ-साथ व्यवसायों के लिए उधार लेना आसान हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप अर्थव्यवस्था में अधिक खपत और निवेश होता है, जिससे उच्च विकास होता है।

हालांकि, इस दर कटौती की प्रभावशीलता काफी हद तक इस बात पर निर्भर करेगी कि वाणिज्यिक बैंक उधारकर्ताओं को लाभ कितनी जल्दी और कुशलता से देते हैं।

वहीं सीमांत स्थायी सुविधा (MSF) और बैंक दर को 5.75 पर समायोजित किया गया है।

आरबीआई समग्र विकास-मुद्रास्फीति गतिशीलता पर रख सकेगा कड़ी नजर 

आरबीआई ने आज घोषित अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति बैठक में अपने नीतिगत रुख को ‘समायोजनकारी’ से ‘तटस्थ’ में बदल दिया है। इस संबंध में आरबीआई गवर्नर ने कहा कि इस साल फरवरी से अब तक रेपो दर में लगातार 100 आधार अंकों की कटौती की गई है और इसलिए मौद्रिक नीति के रुख को उदार से बदलकर तटस्थ कर दिया गया है। इससे आरबीआई समग्र विकास-मुद्रास्फीति गतिशीलता पर कड़ी नजर रख सकेगा।

आरबीआई गवर्नर ने बताया कि कीमतों में व्यापक आधार पर नरमी के बीच मुद्रास्फीति दर अब घटकर 3.2 प्रतिशत रह गई है और आरबीआई के बैंड के साथ मुद्रास्फीति का टिकाऊ संरेखण है। इसी के अनुसार, आरबीआई ने मुद्रास्फीति दर के लिए अपने अनुमान को भी 4 प्रतिशत से घटाकर 3.7 प्रतिशत कर दिया है।

(स्रोत: डी० डी० न्युज)