Saturday 26 February 2022

Chechen special forces given orders to kill Ukrainian officials

Chechen special forces given orders to kill Ukrainian officials

 |  | New Delhi


A squad of Chechen special forces 'hunters' has been unleashed in Ukraine to detain or kill a set of specific Ukrainian officials, Daily Mail reported.

Each soldier has reportedly been given a special 'deck of cards' with Ukrainian officials' photos and descriptions on them, a Moscow Telegram channel with links to the security establishment reported, as per the Daily Mail report.

The list is of officials and security officers suspected of 'crimes' by the Russian Investigative Committee, the report added.

It came as Ukraine President Volodymyr Zelenskyy admitted that he is 'target number one' for Russian assassins in Kiev, while his family is 'the number two goal' for Vladimir Putin's hitmen.

The Chechen squad is thought to be in a Ukraine forest and has allegedly been given an 'order to kill' if those on the wanted list cannot be detained, the report said.

There is speculation that those identified by Moscow as 'Nazis' would also be on the hunted list.

Putin had previously said that a key aim of invading Ukraine was to 'deNazify' the country.

State TV in Chechnya reported that Ramzan Kadyrov, 45, the republic's leader and a close Putin ally, has visited his forces in Ukraine, Daily Mail reported.

The Chechens are believed to be from the South battalion of the Federal Guard Service, based in Chechnya.

Kadyrov on Thursday met with Viktor Zolotov, Director of the Federal National Guard Service and Commander-in-Chief of the Russian National Guard Forces, another close Putin ally.

Zelensky, 44, addressed the nation on Thursday night, at the end of the first day of the Russian invasion of his country.

The former TV comedian insisted that he had remained in Kiev as he urged his fellow citizens to stay strong.

He said he was speaking from Kiev but the elegance of the presidential palace was long gone: Zelensky, in his olive green t-shirt, appeared to be speaking from a bunker, the report said.

(Source: The Pioneer)



Friday 25 February 2022

Gym में महिला उठा रही थी 180 Kg वजन, गर्दन दब गई और हो गई मौत

Gym में महिला उठा रही थी 180 Kg  8वजन, गर्दन दब गई और हो गई मौत


जिम (Gym) में वर्कआउट (Workout) के दौरान बहुत से लोग हैवी वेटलिफ्टिंग (Heavy weightlifting) करते हैं। इस दौरान कुछ लोग स्पोर्ट लेते हैं, वहीं कई बिना मदद के भारी-भरकम वजन उठाने की कोशिश करते हैं। ऐसे में हादसों की संभावना बढ़ जाती है। सोशल मीडिया (Social Media) पर एक ऐसे ही हादसे का चौंकाने वाला वीडियो तेजी से वायरल (Viral Video) हो रहा है, जिसे देखने के बाद बहुत से लोग इस बात को समझ जाएंगे कि हैवी वेटलिफ्टिंग के दौरान जोश से नहीं, होश से काम लेना चाहिए!

30 से 40 के बीच थी महिला की उम्र

रिपोर्ट के अनुसार, यह मामला मैक्सिको (Mexico) का है। जहां एक महिला ने जिम में वर्कआउट के दौरान 180 किलोग्राम वजन उठाने का प्रयास किया, तो वह उसके नीचे ही दब गई, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। 'द सन' की रिपोर्ट के अनुसार, महिला कथित तौर पर अपनी बेटी के साथ फिटनेस सेंटर पहुंची थी। महिला का नाम उजागर नहीं किया गया है। लेकिन कहा गया कि उसकी उम्र 30 से 40 साल के बीच थी। ये घटना 21 फरवरी को हुई थी और जिम के सीसीटीवी में कैद हो गई।

वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि जब महिला ने 180 किलो वजन उठाने की कोशिश की, तो Barbell (रॉड) ने उसकी गर्दन को दबा दिया और महिला ने दम तोड़ दिया। हालांकि, जब ये हादसा हुआ तो उसके पास एक व्यक्ति खड़ा था। लेकिन सब इतनी तेजी से हुआ कि वो चाहकर भी कुछ नहीं कर पाया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

(Source : Navbharat Times)

Thursday 24 February 2022

रूस का दावा, सेना ने यूक्रेन में 70 से अधिक सैन्य ठिकानों को किया नेस्तनाबूद

रूस का दावा, सेना ने यूक्रेन में 70 से अधिक सैन्य ठिकानों को किया नेस्तनाबूद



रूस ने गुरुवार को कहा कि उसकी सेना ने यूक्रेन में 11 हवाई क्षेत्रों सहित 70 से अधिक सैन्य ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि रूसी सशस्त्र बलों द्वारा किए गए हमलों मैं 74 यूक्रेनी मिलिट्री ग्राउंड फैसिलिटी तबाह हो गई है। इसके साथ-साथ रूस ने यूक्रेन के एक सैन्य हेलीकॉप्टर और चार ड्रोन को भी मार गिराया गया है।

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता इगोर कोनाशेनकोव ने कहा कि नष्ट किए फैसिलिटी में 11 एयरफिल्ड, तीन कमंडा पोस्ट और एस-300 के 18 रडार स्टेशन व बुक-एम1 एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन के एक सैन्य हेलीकॉप्टर और चार ड्रोन को भी मार गिराया गया है। कोनाशेनकोव ने कहा कि अलगाववादी बलों का रूसी सेना का समर्थन मिला है और एक अक्रामक हमला जारी है। 

यूक्रेनी सैनिकों का सम्मान के साथ व्यवहार करने के आदेश

उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने रूसी सैनिकों को यूक्रेनी सैनिकों के साथ सम्मान के साथ व्यवहार करने का आदेश दिया था। बता दें कि स्थानीय समयानुसार गुरुवार सुबह लगभग 5:40 बजे एक राष्ट्र को संबोधित करते हुए पुतिन ने यूक्रेन पर हमला बोल दिया।

कम से कम 68 लोगों की मौत

न्यूज एजेंसी एएफपी ने अपने स्रोतों से प्राप्त जानकारी के हवाले से कहा कि रूस की ओर से किए गए हमले में यूक्रेन के सैनिकों और नागरिकों सहित कम से कम 68 लोग मारे गए हैं। अधिकारियों की ओर से मिली जानकारी के अनुसार यूक्रेन के काला सागर बंदरगाह शहर ओडेसा के पास एक सैन्य अड्डे पर हुए हमले में 18 लोग मारे गए हैं। यूक्रेन के बॉर्डर गार्ड ने कहा कि रूसी सेना राजधानी कीव के आसपास के क्षेत्र में पहुंच गई है l

( SOURCE : HINDUSTAN)



S-400 Missile News: चीन की हरकतों पर अंकुश लगाएगा भारत का 'ब्रह्मास्त्र', अप्रैल तक काम करने लगेगी पहली यूनिट

S-400 Missile News : चीन की हरकतों पर अंकुश लगाएगा भारत का 'ब्रह्मास्त्र', अप्रैल तक काम करने लगेगी पहली यूनिट

पाकिस्तान और चीन से लगी सीमाओं पर बने खतरे के बीच भारत की ताकत बढ़ने वाली है। जी हां, भारत का 'ब्रह्मास्त्र' समझी जाने वाली S-400 प्रणाली अगले साल यानी 2023 तक पूरी तरह से ऑपरेशनल हो जाएगी। एस400 की पहली यूनिट इसी साल अप्रैल तक तैनात हो जाएगी जबकि 4 अन्य अगले साल तक अपना काम करने लगेंगी। भारत की मिसाइल क्षमता किस कदर बढ़ जाएगी, इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि यह पावरफुल सिस्टम 40 किमी से लेकर 400 किमी की दूरी तक दुश्मन के एयरक्राफ्ट या मिसाइलों को तबाह करने की क्षमता रखता है।

निशाने पर होगा चीन

हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने सतह से हवा में मार करने वाले एडवांस्ड मिसाइल डिफेंस सिस्टम को तैनात करने पर काम शुरू कर दिया है। अप्रैल तक पहली यूनिट अपना काम करने लगेगी। वैसे, मोदी सरकार इस पूरे प्रोजेक्ट पर बिल्कुल खामोश है। इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बताया है कि सभी पांचों यूनिटों को चीन की तरफ से बने संभावित खतरे या हमले से निपटने के लिए तैनात किया जाएगा।

लद्दाख में पहले से टकराव के हालात

S-400 सिस्टम को रूस से 5 अरब डॉलर की डील के जरिए खरीदा गया है। इसके लिए डील अक्टूबर 2018 में हुई थी। भारत अपनी रक्षा तैयारियों को ऐसे समय में मजबूत कर रहा है जब पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ टकराव बना हुआ है। मई 2020 में चीनी सैनिकों के दुस्साहस के बाद से ही दोनों देशों की सेनाएं आमने सामने हैं। बॉर्डर पर बड़ी संख्या में सैनिकों और हथियारों की तैनाती की गई है। कुछ पॉइंट्स पर चीन अप्रैल 2020 वाली स्थिति में लौटने से इनकार कर रहा है।

चीन की तैयारी

चीन की बात करें तो उसने डेमचोक के ठीक दूसरी तरफ और अरुणाचल प्रदेश के पास एस-400 सिस्टम की तैनाती कर रखी है। उसने तीन सिस्टम को हिंद-प्रशांत क्षेत्र के हिसाब से तैनात किया है। चीन ने भी रूस से यह मिसाइल सिस्टम हासिल किया है। भारत में इसकी तैनाती से चीन के साथ पावर बैलेंस भी होगा और चीन दुस्साहस से भी 
बचेगा।

(Source : Navbharat Times)

यूक्रेन संकट के बीच अमेरिका का नया B-21 स्टील्थ बॉम्बर टेक ऑफ के लिए तैयार, रूस का S-400 भी होगा फेल!

यूक्रेन संकट के बीच अमेरिका का नया B-21 स्टील्थ बॉम्बर टेक ऑफ के लिए तैयार, रूस का S-400 भी होगा फेल!


वॉशिंगटन: अमेरिकी वायु सेना (US Air Force Planes) का नया नॉर्थ्रोप ग्रूमैन बी-21 रायडर स्टील्थ बॉम्बर (Northrop Grumman B-21 Raider) पहली उड़ान भरने को लगभग तैयार है। इस साल के अंत तक छह बी-21 रायडर बॉम्बर (B-21 Raider) अमेरिकी वायु सेना को सौंप दिए जाएंगे। बड़ी संभावना है कि इस साल के अंत तक ये नए बॉम्बर आसमान में उड़ते दिखाई देने लगेंगे। रूस से तनाव के बीच बॉम्बर्स के बेड़े में बी-21 रायडर (B-21 Bomber) के शामिल होने से अमेरिकी वायु सेना की सामरिक शक्ति में जबरदस्त इजाफा होने वाला है। अमेरिका का दावा है कि इस विमान को रूस का एस-400 मिसाइल सिस्टम (S-400 Missile System) भी डिटेक्ट नहीं कर पाएगा। अमेरिकी वायु सेना ने इस बॉम्बर के पहले उड़ान परीक्षण के लिए दो अलग-अलग फ्लाइंग विंग भी स्थापित कर दिए हैं। बी-21 बॉम्बर अमेरिकी वायु सेना के बी-2 बॉम्बर को रिप्लेस करने जा रहा है। हालांकि, फाइनल ऑपरेशन क्लियरेंस मिलने तक पुराने पड़ रहे बी-2 बॉम्बर्स को रिटायर नहीं किया जाएगा।

बी-21 की इस साल के अंत तक पहली उड़ान संभव
इसी महीने न्यूक्लियर डेटरेंस समिट 2022 में बोलते हुए मेजर जनरल जेसन आर्मगोस्ट ने कहा कि नए बी-21 बॉम्बर के इसी साल के अंत तक पहली बार उड़ान भरने की संभावना है। हालांकि, उन्होंने इस नए विमान के उड़ान परीक्षणों को लेकर कोई सटीक तारीख नहीं बताई। फिर भी उनका बयान अमेरिकी वायु सेना के कई दूसरे अधिकारियों के बयान से मेल खा रहा है। आर्मागोस्ट ने यह भी कहा कि बी -21 के डेवलपमेंट को डिजिटल मॉडल बेस्ड सिस्टम इंजीनियरिंग के साथ डिजिटल तकनीकों का उपयोग करके तेज किया गया था। इस बॉम्बर के डेवलपमेंट से जुड़ी सभी टीमें डिजाइन, निर्माण और परीक्षण करने के लिए एक साथ काम कर रही हैं।

बी-52, बी-1 और बी-2 की जगह लेगा यह नया बॉम्बर
बी-21 एक नया हाई-टेक बॉम्बर है। इसे अमेरिकी वायु सेना के बी-52, बी-1 और बी-2 बॉम्बर के पुराने बेड़े को बदलने के लिए बनाया जा रहा है। इन बॉम्बर्स को अमेरिका ने 30 साल पहले डिजाइन किया गया था। अमेरिका के पुराने बॉम्बर्स की तरह यह भी लंबी दूरी तक परमाणु बमों और पारंपरिक बमों के साथ हमला करने में सक्षम है। यह अमेरिका के न्यूक्लिर ट्रॉयड का भी हिस्सा है। जल-थल और नभ से परमाणु हमला करने की क्षमता को न्यूक्लिर ट्रॉयड कहा जाता है। इस श्रेणी में दुनिया के चुनिंदा देश ही शामिल हैं, जिसमें अमेरिका, भारत, चीन, रूस और फ्रांस शामिल हैं। दावा किया जाता है कि इजरायल भी न्यूक्लिर ट्रॉयड में शामिल है, लेकिन उसने कभी भी खुलकर खुद को परमाणु शक्ति तक नहीं स्वीकार किया है।

कैलिफोर्निया के एडवर्ड्स एयरफोर्स बेस पर होगा टेस्ट
अमेरिका का नया बी-21 रायडर देखने में बी-2 स्पिरिट जैसा ही होगा। हालांकि, इसमें कई ऐसे फीचर दिए गए हैं, जो अत्याधुनिक और स्टेट ऑफ ऑर्ट फैसिलिटी से लैस हैं। अमेरिकी वायु सेना के रैपिड कैपेबिलिटीज ऑफिस (आरसीओ) के डॉयरेक्टर रान्डेल जी वाल्डेन ने कहा है कि 2022 की शुरुआत में नॉर्थरोप ग्रुम्मन कॉरपोरेशन कैलिफोर्निया के पामडेला में इंजन रन, टैक्सी टेस्ट और अन्य आवश्यक ग्राउंड फैसिलिटी को विकसित कर लेगा। इसके कुछ महीने बाद ही बी-21 बॉम्बर की पहली उड़ान को आयोजित किया जाएगा। इसे कैलिफोर्निया के एडवर्ड्स एयरफोर्स बेस पर टेस्ट करने की तैयारी की जा रही है। जिसके बाद 420 वें फ्लाइट टेस्ट स्क्वाड्रन इस विमान को व्यापक परीक्षणों के लिए टेकओवर कर लेगा।

परमाणु हमला करने में सक्षम है यह बॉम्बर

बी-21 रायडर पारंपरिक हथियारों के साथ परमाणु बमों के साथ भी हमला करने में सक्षम होगा। इसमें लॉकहीड मार्टिन के एवियॉनिक्स, एपेरचर्स और एफ -35 में लगे कुछ सेंसर्स का भी इस्तेमाल किया जाएगा। बी-21 बॉम्बर अपने साथ 13607 किलोग्राम तक के पेलोड को लेकर उड़ान भरने में सक्षम होगा। इसमें एक बड़ा हिस्सा इंटरनल फ्यूल का होगा। जबकि, बाकी बचा हिस्से में बम और मिसाइलें लगी होंगी।

(Source : Navbharat Times)


Wednesday 23 February 2022

तुर्की के साथ पांचवी पीढ़ी का स्टील्थ लड़ाकू विमान विकसित कर रहा पाकिस्तान, जानें कैसे भारत की बढ़ेगी टेंशन?

तुर्की के साथ पांचवी पीढ़ी का स्टील्थ लड़ाकू विमान विकसित कर रहा पाकिस्तान, जानें कैसे भारत की बढ़ेगी टेंशन?



इस्लामाबाद: पाकिस्तान और तुर्की मिलकर पांचवीं पीढ़ी के एक लड़ाकू विमान को विकसित कर रहे हैं। यह विमान स्टील्थ तकनीक से लैस होगा। इसे दुश्मन देश के रडार आसानी से नहीं पकड़ पाएंगे। बड़ी बात यह है कि पाकिस्तान और तुर्की का यह लड़ाकू विमान अगले तीन साल में अपनी पहली उड़ान भर सकता है। पाकिस्तान पहले ही चीन के साथ मिलकर जेएफ-17 लड़ाकू विमान को बना चुका है। हालांकि, इस विमान के ज्यादातर पुर्जे विदेशी हैं, जिन्हें पाकिस्तान में असेंबल किया जाता है। हाल में ही चीन और पाकिस्तान ने जेएफ-17 के ब्लॉक-3 वेरिएंट को विकसित करने काा काम शुरू किया है।

टर्किश एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (टीएआई) के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) तेमेल कोटिल ने बताया कि तुर्की और पाकिस्तान पांचवी पीढ़ी के लड़ाकू विमान वाली इस परियोजना पर आपस में सहयोग कर रहे हैं। पाकिस्तानी अखबार बिजनेस रिकॉर्डर ने भी बताया है कि नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (एनयूएसटी) में रिसर्च, इनोवेशन और कॉमर्शियल डिपार्टमेंट (एनयूएसटी) के प्रो-रेक्टर एयर वाइस-मार्शल डॉ रिजवान रियाज ने इस बात की पुष्टि की कि दोनों देश टीएफ-एक्स नाम का एक लड़ाकू विमान बना रहे हैं।

पाकिस्तान ने पांचवी पीढ़ी के विमान बनाने की पुुष्टि की

रियाज ने कहा कि यह पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान है, जिसके लिए पाकिस्तान और तुर्की अब सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि एनयूएसटी ने पाकिस्तान एयरोनॉटिकल कॉप्लेक्स और पाकिस्तान एयर फोर्स के सहयोग से पहले भी इस प्रकार की परियोजनाएं पूरी की हैं। हालांकि, उन्होंने लड़ाकू विमान और इसे विकसित करने को लेकर और जानकारी मुहैया नहीं कराई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दो इंजन वाला सभी मौसम में संचालन के योग्य स्टील्थ (नजरों से छुपकर रहने में सक्षम) लड़ाकू विमान ‘टीएफ-एक्स’ के आगामी तीन साल में पहली उड़ान भरने की संभावना है।

2019 से पाकिस्तान के साथ काम कर रही तुर्की की यह कंपनी

पाकिस्तान में टीएआई ने देश के पहले प्रौद्योगिकी उद्यान ‘नेशनल साइंस एंड टेक्नोलॉजी पार्क’ में 2019 में अपना पहला कार्यालय खोला था। पाकिस्तान और तुर्की ने कई रक्षा परियोजनाओं में मिलकर काम किया है, जिनमें हेलीकॉप्टर की खरीद और ड्रोन तकनीक का विकास शामिल है। दोनों देश दूसरे क्षेत्र में भी रक्षा सहयोग बढ़ाने पर नजदीकी से काम कर रहे हैं। चीन और पाकिस्तान ने मिसाइल निर्माण पर भी एक मेमोरंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग पर साइन किया है। तुर्की के अधिकारियों ने कहा कि उनका देश पाकिस्‍तान को एक रणनीतिक सहयोगी के रूप में देखता है और उसके साथ मिलकर सिपेर लॉंग रेंज मिसाइल डिफेंस प्रॉजेक्‍ट पर काम कर रहा है।

भारत के लिए कैसे खतरा बन सकता है यह विमान

भारत के पास वर्तमान में पांचवी पीढ़ी का कोई लड़ाकू विमान नहीं है। हालांकि, भारतीय कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ऐसे प्रॉजेक्ट पर पहले से ही काम कर रही है। लेकिन, एलसीए तेजस के डेवलपमेंटल हिस्ट्री को देखते हुए इस विमान के अगले 5 साल तक उड़ान भरने की संभावना बहुत ही कम है। अभी तक अमेरिका और चीन ही पांचवी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों को ऑपरेट कर रहे हैं। ऐसे में अगर यह ताकत पाकिस्तान के पास आती है तो यह भारत के लिए चिंता की बात होगी। हालांकि, पाकिस्तान का यह विमान कितना ताकतवर है, यह आने वाला वक्त ही बताएगा।

(Source : Navbharat Times)


दानापुर-सिकंदराबाद एक्सप्रेस की बोगी में धुआं, यात्रियों में भगदड़, खिड़की से कूदे लोग

दानापुर-सिकंदराबाद एक्सप्रेस की बोगी में धुआं, यात्रियों में भगदड़, खिड़की से कूदे लोग


बैतूल : एमपी के बैतूल में बुधवार की सुबह दानापुर एक्सप्रेस (Smoke in Danapur Secunderabad Express) के कोच से अचानक धुआं निकलने के कारण यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। ट्रेन को रोककर आग पर काबू पाया गया। आधे घंटे बाद ट्रेन को रवाना कर दिया गया है, घटना की जांच आरपीएफ (Danapur Secunderabad Express in betul) कर रही है। आग पर काबू पाए जाने के बाद यात्रियों ने राहत की सांस ली है। बताया जा रहा है कि बैतूल रेलवे स्टेशन से पहले आउटर पर दानापुर से चलकर सिकंदराबाद की ओर जाने वाली ट्रेन क्रमांक 12791 के D1 कोच जनरल बोगी में लगे इलेक्ट्रिक बोर्ड से धुआं उठने लगा।

धुंआ देख कर यात्री डर गए और उनमें हड़कंप मच गया। समय रहते यात्रियों ने ट्रेन में चेन पुलिंग कर रोका। ट्रेन के रुकते ही यात्री दरवाजे से सामान लेकर कूदने लगे और कुछ यात्री इमरजेंसी खिड़की से भी बाहर निकलने लगे। धुआं देखकर यात्री काफी डर गए थे। घटना की जानकारी नागपुर मंडल कार्यालय को मिली और वहां से बैतूल आरपीएफ को सूचना दी गई। सूचना मिलते ही आरपीएफ जीआरपी और रेलवे के अधिकारी मौके पर पहुंचे।

इसके बाद दमकल की टीम को बुलाया गया। साथ ही कोच में लगे अग्निशामक यंत्रों की मदद से आग पर काबू पाया गया। घटना की जांच कर रहे अधिकारियों का कहना है कि प्रथम दृष्टया इलेक्ट्रिक बोर्ड मे हुईं स्पार्किंग के बाद धुआं निकला था। घटना में किसी भी यात्री को कोई नुकसान नहीं हुआ है।

(Source : Navbharat Times)

Maharashtra minister Nawab Malik arrested by ED in Money Laundering Case

Maharashtra minister Nawab Malik arrested by ED in Money Laundering case

 |  | Mumbai



The Enforcement Directorate (ED) arrested Maharashtra Minority Affairs Minister Nawab Malik on Wednesday in a money-laundering probe linked to the activities of fugitive gangster Dawood Ibrahim and his aides, officials said.

The 62-year-old NCP leader was taken into custody after he was questioned for about five hours at the ED office in south Mumbai's Ballard Estate area since around 8 AM.

His statement was recorded under the Prevention of Money Laundering Act (PMLA) and he was arrested under the same provisions as he was evasive in his replies, the officials said.

His party said he was taken by the ED from his residence at around 6 AM.

(Source : The Pioneer)


Hijab freedom of expression, not of religion, so it can be curbed: Karnataka AG

Hijab freedom of Expression, not of Religion, so it can be curbed: Karnataka AG

                                                            Photo by PTI

THE WEARING of hijabs is a right that falls under freedom of expression, which is subject to institutional discipline, and not under freedom of religion in the Constitution, the Advocate General for Karnataka argued on Tuesday during a hearing in the High Court on petitions filed by Muslim girls against the hijab ban in some colleges in Udupi.

Advocate General Prabhuling Navadgi told a full bench of the Karnataka High Court, comprising Chief Justice Ritu Raj Awasthi, Justice Krishna Dixit and Justice J M Khazi, that wearing the hijab is an optional practice in Islam and, as a consequence, is not an obligatory religious practice.

“It is their argument that it is a fundamental right under Article 19 (1) (a) to wear a dress to exercise the freedom of expression. The argument runs mutually destructive and contrary to the proposition of hijab being essential because if their argument is accepted, then those who do not want to wear the hijab can also choose not to wear it,” Navadgi told the court.

“It is either the right to freedom of religion under Article 25 (1) or the right to freedom of expression under Article 19 (1) (a). It cannot be both…If women have an option of wearing the hijab, then it is a 19 (1) (a) right and not a right under Article 25,” he said.

“My submission is that what is optional is not obligatory and what is not obligatory is not compulsory and what is not compulsory is not essential. Therefore, it does not fall in the realm of essential religious practice,” Navadgi said.

(Source : The Indian Express)


कोरोनारोधी दवा बनाने के करीब भारतीय वैज्ञानिक

कोरोनारोधी दवा बनाने के करीब भारतीय वैज्ञानिक


भारतीय विज्ञान संस्थान (आइआइएससी), बंगलुरु के शोधकर्ता कोरोना विषाणु संक्रमण को रोकने की दवा बनाने के करीब पहुंच गए हैं। इन शोधकर्ताओं ने मानव शरीर में पाए जाने वाले ‘पिकोलिनिक एसिड’ (पीए) के विषाणुरोधी गुण के बारे में पता लगाया है। ‘पिकोलिनिक एसिड’ कोरोना विषाणु को मानव शरीर में घुसने से रोकता है जिससे व्यक्ति संक्रमित नहीं हो पाता है।

आइआइएससी, बंगलुरु की एक 14 सदस्यीय टीम ने यह खोज की है। इस टीम के सदस्य शशांक त्रिपाठी ने बताया कि हमने ‘पिकोलिनिक एसिड’ का उपयोग प्रयोगशाला में और जानवरों पर किया है। अब इसका मानव शरीर पर नैदानिक परीक्षण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दवा के विकास के लिए हमें फार्मा साझेदारों की तलाश है।

त्रिपाठी ने बताया कि कोई विषाणु मानव शरीर को संक्रमित करने के लिए तीन चरण अपनाता है। पहला जब विषाणु मानव कोशिका में प्रवेश करता है। दूसरा, मानव कोशिका में विषाणु अपनी संख्या को बढ़ता है और तीसरा बड़ी संख्या में पैदा हुए विषाणु कोशिका से बाहर आकर अन्य कोशिकाओं को संक्रमित करते हैं। उन्होंने बताया कि मानव शरीर में ‘पिकोलिनिक एसिड’ प्राकृतिक रूप से बनता है। उन्होंने बताया कि हमें अपने शोध में पता चला कि ‘पिकोलिनिक एसिड’ आवरणयुक्त विषाणुओं (एनवल्पड वायरस) को मानव कोशिका में प्रवेश करने से रोकता है। कोरोना विषाणु (सार्स-कोव-2), इनफ्लूएंजा ए वायरस (आइएवी), जीका, डेंगू आदि आवरणयुक्त विषाणु के उदाहरण हैं।

त्रिपाठी ने बताया कि ‘पिकोलिनिक एसिड’ से बनने वाली दवा को कोरोना विषाणु के संक्रमण से पहले या संक्रमण के दौरान कभी भी लिया जा सकता है। दोनों ही परिस्थितियों में यह संक्रमण को रोकेगी। उन्होंने बताया कि यह दवा मुंह के माध्यम से या टीके के जरिए ली जा सकती है। उन्होंने बताया कि यह दवा ‘रोटा’ जैसे गैर आवरणयुक्त विषाणुओं पर प्रभावकारी नहीं होगी। इस शोध के लिए आइआइएससी की ओर से पेटेंट के लिए आवेदन किया गया है।

(Source : Jansatta)

Tuesday 22 February 2022

Lakhimpur violence: Family members of deceased farmers move SC against grant of bail to Ashish Mishra

Lakhimpur violence: Family members of deceased farmers move SC against grant of bail to Ashish Mishra


A plea has been filed in the Supreme Court challenging grant of bail by the Allahabad High Court to Ashish Mishra, son of Union minister Ajay Mishra, who was arrested in connection with the Lakhimpur Kheri violence that killed eight people including four farmers on October 3 last year.

Three family members of the farmers who were killed in the violence have sought a stay on the February 10 bail order of the Lucknow bench of the high court saying the verdict was “unsustainable in eyes of law as there has been no meaningful and effective assistance by the state to the court in the matter”.

“The lack of any discussion in the High Court's order as regards the settled principles for grant of bail is on account of lack of any substantive submissions to this effect by the State as the accused wields substantial influence over the state government as his father is a Union Minister from the same  political  party that rules  the State.

“The  impugned  order  is unsustainable in eyes of law as there has been no meaningful and effective assistance by the State to the court in the matter contrary to object of first Proviso to Section 439 of Code of Criminal Procedure, 1973, which provides that in grave offences notice of bail application should ordinarily be given to the Public Prosecutor,” said the plea which has been filed by Jagjeet Singh, Pawan Kashyap and Sukhwinder Singh through lawyer Prashant Bhushan.

There  has  been an improper and arbitrary exercise contrary to settled law by the high court which has granted bail without at all considering the heinous nature of the crime, it said.

Seeking “stay of the impugned bail order”, the plea narrated the sequence of evidence and said, “The act of  deliberately crushing the peacefully returning farmers by the Thar vehicle on the instructions of the accused from the back was not an act of negligence or carelessness but a pre-planned conspiracy as the accused thereafter from the farms circled back to the place of the ‘dangal' event at around 4:00 pm and acted as if nothing had happened”.

The plea said the high court did not consider the “overwhelming  evidence” against the accused, position and status of the accused with reference to the victim and witnesses and the likelihood of him fleeing from  justice and repeating the offence while granting the bail.

There was also the possibility of his tampering with the witnesses and obstructing the course of justice, it said.

“At least 27 witnesses have testified that they either saw the accused at the scene of the crime or saw him running away from the scene of the crime... At least 8 witnesses testified that they saw and heard the accused and his supporters asking the driver of the Thar  vehicle to crush the protesters,” it said.

Post-mortem reports reveal that injuries found on  the bodies of the deceased are consistent with the main allegation against the accused, that is murdering the  victims through his car in a pre planned conspiracy, it said.

At least 37 witnesses have testified that they saw and heard firing of arms, it said, adding “FSL reports reveal that firearms were in fact used and that a 32 bore and 315 bore firearm belonging to the accused were used for firing, and unspent cartridges from the 315 bore firearm were recovered from the Thar Vehicle.”

Even the victims were prevented from bringing the  relevant material as regards the settled principles for grant of bail to the notice of the High Court as their counsel ‘got' disconnected from the hearing on January 18, 2022 before he could barely make any submissions and repeated calls to the court staff to get reconnected were of no avail, it alleged.

A single judge bench of the high court, on February 10, had granted the relief of bail to Mishra who had spent four months in custody.

On October 3, last year, eight people were killed in Lakhimpur Kheri during violence that erupted when farmers were protesting against Uttar Pradesh Deputy Chief Minister Keshav Prasad Maurya's visit to the area.

Four farmers were moved down by the SUV. A driver and two BJP workers were then allegedly lynched by angry farmers.

A journalist also died in the violence that triggered outrage among opposition parties and farmer groups agitating over the Centre's now-repealed agri laws.

On November 17 last year, the top court had appointed Justice Rakesh Kumar Jain, former judge of the Punjab and Haryana High Court, to monitor the probe by Uttar Pradesh SIT which will also get three IPS officers who are not natives of the state.

Recently, another plea seeking cancellation of bail of accused Ashish Mishra was filed by advocates Shiv Kumar Tripathi and CS Panda on whose letter the apex court had taken the suo motu cognizance of the incident.

(Source : PTI & The Pioneer )


Monday 21 February 2022

Lalu Prasad Yadav gets five-year jail term in fifth fodder scam case

Lalu Prasad Yadav gets five-year jail term in fifth fodder scam case


A special CBI court in Ranchi Monday sentenced former Bihar chief minister and RJD chief Lalu Prasad Yadav to five years of imprisonment in the fifth fodder scam case, pertaining to illegal withdrawal of money from the Doranda treasury. He has also been fined Rs 60 lakh, as per the lawyers.

Special Judge SK Sashi on February 15 convicted Lalu Prasad and 74 others, and acquitted 24 accused in the illegal withdrawal of Rs 139.35 crore from the Doranda treasury of Ranchi in 1995-96.

A former Union minister, 74-year-old Lalu Prasad is currently at Rajendra Institute of Medical Sciences in Ranchi due to health reasons.

In the fifth case, the court had earlier awarded three years of maximum punishment to 34 accused and fined them in the range of Rs 20,000 to Rs 2 lakh. The sentencing of 41 accused, including Lalu Prasad was awarded Monday through video conferencing. The maximum fine was Rs 2 crore, as per the lawyers.

(Source : The Indian Express)


Russia Ukraine crisis: बमबारी में उड़ी रूसी सीमा चौकी, रूस के दावे को यूक्रेनी सेना ने बताया 'फर्जी खबर'

Russia Ukraine crisis: बमबारी में उड़ी रूसी सीमा चौकी, रूस के दावे को यूक्रेनी सेना ने बताया 'फर्जी खबर'


यूक्रेन- रूस के बीच तनाव बरकरार है। दोनों ही देश एक दूसरे पर हमले के आरोप लगा रहे हैं। एक तरफ जहां रूस ने सोमवार को दावा किया है कि यूक्रेन की बमबारी में उसकी सीमा चौकी को उड़ा दिया है, तो वहीं दूसरी ओर यूक्रेनी सेना ने इस दावे को "फर्जी खबर" करार देते हुए सीमा पर गोलाबारी से इनकार किया है।

हालांकि रूस की तरफ से पहली बार कहा गया है कि यूक्रेन की बमबारी में रूस की संघीय सुरक्षा सेवा (एफएसबी) द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली सीमा चौकी को नष्ट कर दिया है।

रूसी एफएसबी ने सोमवार को दावा किया था कि यूक्रेन के क्षेत्र से दागे गए एक गोले ने रूस के रोस्तोव क्षेत्र में एक रूसी सीमा रक्षक चौकी को पूरी तरह से नष्ट कर दिया। घटना के परिणामस्वरूप किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।

इंटरफैक्स समाचार एजेंसी ने एफएसबी के हवाले से कहा कि यह घटना रूस और यूक्रेन की सीमा से करीब 150 मीटर की दूरी पर हुई।

मालूम हो कि पश्चिमी देशों को डर है कि हाल के हफ्तों में यूक्रेन की सीमा के पास रूसी सैनिकों का जमावड़ा एक आक्रमण का संकेत है। इन देशों का कहना है कि अगर ऐसा हुआ तो वे मास्को के खिलाफ "बड़े पैमाने पर" प्रतिबंध लगाएंगे। हालांकि रूस आक्रमण की किसी भी योजना से इनकार करता है लेकिन व्यापक सुरक्षा गारंटी चाहता है।

(Source : Navbharat Times)


अमेरिकी खुफिया विभाग का दावा, यूक्रेन पर हमले का आदेश दे चुका है रूस

 अमेरिकी खुफिया विभाग का दावा, यूक्रेन पर हमले का आदेश दे चुका है रूस


रूस और यूक्रेन के बीच इन दिनों युद्ध का माहौल बना हुआ है। यूक्रेन के राष्ट्रपति ने रूस को बातचीत का प्रस्ताव भी भेजा है। वहीं यूक्रेन के दो सैनिकों की मौत के बाद स्थिति ज्यादा गंभीर नजर आने लगी है। रूस दावा कर चुका है कि वह अपनी सेना पीछे हटा रहा है लेकिन अमेरिका का कहना है कि सच कुछ और है। व्लादिमीर पुतिन की कथनी और करनी में अंतर है। अब अमेरिकी खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस ने अपनी सेना को युद्ध के लिए आगे बढ़ने का आदेश दे दिया है। 

अमेरिकी खुफिया विभाग का कहना है कि रूसी सेना को हमले का आदेश दे दिया या है और योजना के अंतिम चरण में काम चल रहा है। हालांकि वाइट हाउस और पेंटागन ने इस बात पर मोहर नहीं लगाई है। इससे पहले राष्ट्रपति जो बाइडन और अमेरिका का विदेश मंत्रालय इस बात की आशंका जता चुका है कि रूस झूठ बोल रहा है और वह युद्ध से पीछे नहीं हट रहा बल्कि युद्ध की तैयारियों में लगा है। 

अमेरिकी खुफिया विभाग की इस जानकारी को वॉशिंगटन पोस्ट ने प्रकाशित किया। इसमें कहा गया, ' अमेरिकी खुफिया विभाग ने राष्ट्रपति जो बाइडन को इस बात की जानकारी दी है कि रूस पूरी ताकत से हमला करने की योजना बना रहा है। इस मामले में कई लोगों को जानकारी है लेकिन संवेदनशीलता को देखते हुए वे अपनी पहचान उजागर नहीं करना चाहते।'

सीएनन का इस बारे में कहना है कि अभी रूस की सेना ने हमले का आदेश नहीं दिया है। यह भी हो सकता है कि खुफिया विभाग पश्चिमी देशों को गुमराह करने की कोशिश कर रहा हो। बता दें कि कुछ दन पहले अमेरिका ने कहा था कि रूस ने यूक्रेन के बॉर्डर  पर 15 लाख सैनिक लगा दिए हैं। इसमें से आधे सैनिक अटैक पोजीशन पर हैं। हालांकि रूस ने इस बात से इनकार किया था। उसने यूक्रेन से आश्वासन मांगा था कि वह कभी NATO में शामिल नहीं होगा।

(Source : Navbharat Times)


IND vs WI 3rd T20 : भारत ने जड़ा जीत का 'छक्का', वनडे के बाद T20 में भी विंडीज का सूपड़ा साफ

IND vs WI 3rd T20 : भारत ने जड़ा जीत का 'छक्का', वनडे के बाद T20 में भी विंडीज का सूपड़ा साफ


कोलकाता: वेंकटेश अय्यर (, नाबाद 35 रन और दो विकेट) के ऑलराउंड परफॉर्मेंस और सूयकुमार यादव (Suryakumar Yadav) की धांसू हाफ सेंचुरी के दम परभारतीय टीम ने वेस्टइंडीज को कोलकाता के ऐतिहासिक ईडन गार्डंस स्टेडियम में तीसरे और आखिरी टी-20 में 17 रनों से हरा दिया। इसके साथ ही रोहित की कप्तानी वाली इस टीम ने वनडे के बाद टी-20 सीरीज में भी क्लीन स्वीप किया और रैंकिंग में नंबर वन होने का तमगा हासिल कर लिया। मैच में भारत ने पहले बैटिंग करते हुए 5 विकेट पर 184 रन बनाए। जवाब में वेस्टइंडीज की टीम निकोलस पूरन के लगातार तीसरे अर्धशतक के बावजूद 9 विकेट पर 167 रन बना सकी। भारत के लिए हर्षल पटेल ने 3, दीपक चाहर, वेंकटेश अय्यर और शार्दुल ठाकुर ने 2-2 विकेट झटके।

IND - 184/5
PlayerR(B)4s6sSR
Ruturaj Gaikwad4(8)1050
c K Mayers b Holder
Ishan Kishan34(31)50109.68
b Roston Chase
Shreyas Iyer25(16)40156.25
c Holder b Hayden Walsh
Rohit7(15)0046.67
b Dominic Drakes
Suryakumar Yadav65(31)17209.68
c Rovman Powell b Romario Shepherd
Venkatesh Iyer35(19)42184.21
not out

Extras 14

(nb 0, b 0, penalty 0, w 4, lb 10)

Total 184

(20 ovrs, 5 Wkts)  RR 9.2

WI - 167/9
PlayerR(B)4s6sSR
Kyle Mayers6(5)10120
c Ishan Kishan b D Chahar
Shai Hope8(4)20200
c Ishan Kishan b D Chahar
Nicholas Pooran61(47)81129.79
c Ishan Kishan b Thakur
Rovman Powell25(14)22178.57
c Thakur b Harshal Patel
Kieron Pollard5(7)1071.43
c Ravi Bishnoi b Venkatesh Iyer
Jason Holder2(6)0033.33
c Shreyas Iyer b Venkatesh Iyer
Roston Chase12(7)20171.43
b Harshal Patel
Romario Shepherd29(21)13138.1
c Rohit b Harshal Patel
Fabian Allen5(3)10166.67
not out
Dominic Drakes4(3)10133.33
c Rohit b Thakur
Hayden Walsh0(3)000
not out

Extras 10

(nb 0, b 0, penalty 0, w 7, lb 3)

Total 167

(20 ovrs, 9 Wkts)  RR 8.35
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