Tuesday 13 February 2024

किसान आन्दोलन : विदेशी आक्रमणकारी फौज के तर्ज पर "भारतीय किसानों को रोकने में जुटी भारत सरकार और दिल्ली पुलिस

किसान आन्दोलन : विदेशी आक्रमणकारी फौज के तर्ज पर "भारतीय किसानों" को रोकने में जुटी भारत सरकार और दिल्ली पुलिस 

    लेखक : पृथ्वी बल्लभ शर्मा 


भारतीय किसानों ने 'न्यूनतम समर्थन मूल्य हेतू कानून' , 'भूमि अधिग्रहण कानून 2013' लागु करने, इत्यादि  अपनी मांगों के समर्थन में तथा केंद्र सरकार द्वारा अपने वादों को पूरा नहीं करने के विरोध में ; प्रदर्शन करने हेतु आज दिल्ली मार्च शुरू किया है | 

परन्तु केंद्र सरकार तथा दिल्ली पुलिस ने, भारतिय किसानों को दिल्ली पहुँचने से रोकने के लिए दिल्ली को पुलिस  छावनी में बदल दिया है | दिल्ली में प्रवेश के सभी संभावित रास्तों तथा अन्य राज्यों से लगे बॉर्डर के पास विभिन्न तरीकों को पुलिस अपना रही है ताकि किसानों का दिल्ली में प्रवेश तथा प्रदर्शन किसी भी परिस्थिति में संभव न हो सके | 



इसके लिए पुलिस बल द्वारा बड़ी मात्रा में सीमेंट के बोल्डरों , मिट्टी से लदे बड़ी बड़ी ट्रॉलियों , कंटीले तारों , भारी  सुरक्षा वाहनों, लोहे के बने ट्रैफिक अवरोधकों ,इत्यादि समस्त सम्भव उपाय तथा हथकंडों को उपयोग में लाया जा रहा है | सरकार तथा पुलिस द्वारा "किसी भी हालत में तथा किसी भी मूल्य पर किसानों को दिल्ली में प्रवेश तथा प्रदर्शन करने से रोकनेे को" अपना एकमात्र तात्कालिक उद्देष्य बना लिया गया है | 

                                                            
इन प्रदर्शनकारी भारतीय किसानों को रोकने के लिए सुरक्षा बल अपने अत्याधुनिक हथियारों , निरिक्षण (Surveillance) तकनीकों , ड्रोनों, इत्यादि के साथ पूरी चुस्ती तथा मुस्तैदी के साथ हर पाल चोकन्ने होकर अपनी जिम्मेदारी निभाने में जुटे हुए हैं |

पुलिस बल द्वारा किसानों को रोकने के लिए किये इन भारी भरकम पथ अवरोधकों का इस्तेमाल उस चित्र तथा घटना कि याद दिलाता है जब " उक्रेन के सैनिकों ने "अपनी राजधानी कीव में रुसी सैनिकों के प्रवेश को रोकने के लिए  इसी तरह से  बड़ी मात्र में सीमेंट के बोल्डरों , मिटटी से लदे बड़ी बड़ी ट्रॉलियों , कंटीले तारों , भारी  सुरक्षा वाहनों, लोहे के बने ट्रैफिक अवरोधकों ,इत्यादि समस्त सम्भव उपाय तथा हथकंडों को उपयोग में लाया था " |

भारतीय किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए सरकार तथा सुरक्षा बलों अपनाये जाने वाले भारी भरकम व्यवस्था को देखकर तो यही लगता है कि सरकार तथा सुरक्षा बल  किसानों को " कोई विदेशी आक्रमणकारी फौज " के समान समझती है और लगभग उसी के अनुरूप उपाय भी अपना रही है|

(Sources of Photos : Reutars)


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