Tuesday 28 September 2021

दिल्ली दंगों के आरोपी मो. इब्राहिम की जमानत अर्जी खारिज, हाई कोर्ट ने कहा- ये पल भर में नहीं हुआ, पूरी साजिश थी इसमें

 दिल्ली दंगों के आरोपी मो. इब्राहिम की जमानत अर्जी खारिज, हाई कोर्ट ने कहा- ये पल भर में नहीं हुआ, पूरी साजिश थी इसमें



दिल्ली में हुए दंगों की सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणियां करते हुए हेड कांस्टेबल रतन लाल मर्डर केस में मो. इब्राहिम को जमानत देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि फरवरी 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में जो दंगे हुए थे, वे पल भर में नहीं हुए थे और सरकार के साथ-साथ सामान्य जीवन को बाधित और अव्यवस्थित करने का एक सुविचारित प्रयास था।

दिल्ली दंगे पल भर में नहीं हुए- हाई कोर्ट

हाई कोर्ट ने कहा कि फरवरी 2020 में देश की राष्ट्रीय राजधानी को हिला देने वाले दंगे स्पष्ट रूप से पल भर में नहीं हुए और वीडियो फुटेज में मौजूद प्रदर्शनकारियों का व्यवहार जिसे अभियोजन पक्ष ने रेकॉर्ड में रखा गया है। कोर्ट ने कहा कि वीडियो को देखने से यह बिल्कुल स्पष्ट है कि यह सरकार के कामकाज को अस्त-व्यस्त करने के साथ-साथ शहर में लोगों के सामान्य जीवन को बाधित करने के लिए एक सुविचारित प्रयास था। कोर्ट ने कहा कि यह भी देखा गया कि सीसीटीवी कैमरों को व्यवस्थित रूप से नष्ट करना भी शहर में कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने के लिए "पूर्व नियोजित" साजिश के होने की पुष्टि करता है।

व्यक्तिगत स्वतंत्रता का दुरूपयोग नहीं कर सकते- हाई कोर्ट

कोर्ट ने कहा कि न्यायालय ने पहले एक लोकतांत्रिक राजनीति में व्यक्तिगत स्वतंत्रता के महत्व पर विचार किया है, लेकिन यह स्पष्ट रूप से ध्यान दिया जाना चाहिए कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता का दुरुपयोग इस तरह से नहीं किया जा सकता है जो सभ्य समाज के ताने-बाने को अस्थिर करने का प्रयास करता है और अन्य व्यक्तियों को चोट पहुंचाता है।

मो. इब्राहिम के खिलाफ आरोप

इब्राहिम के खिलाफ मुख्य आरोप यह था कि उसे विभिन्न सीसीटीवी फुटेज में सिर पर टोपी, काली नेहरू जैकेट और सलवार-कुर्ता पहने देखा गया था। साथ ही दिल्ली सरकार द्वारा स्थापित कैमरे पर उनकी पहचान की गई थी। अदालत ने कहा कि यह इस तथ्य से भी स्पष्ट है कि असंख्य दंगाइयों ने बेरहमी से लाठी, डंडों, चमड़े की बैल्ट आदि से पुलिस अधिकारियों पर हमले किए। कोर्ट ने हाल ही में शाहनवाज और मोहम्मद अय्यूब को जमानत दी थी। वहीं मो. सादिक और इरशाद अली को जमानत देने से इनकार दिया था। इसके अलावा अदालत ने पांच आरोपियों मो. आरिफ, शादाब अहमद, फुरकान, सुवलीन और तबस्सुम को इस महीने की शुरुआत में जमानत दी थी।

(स्रोत: नवभारत टाइम्स)


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