Thursday 30 September 2021

China Power Crisis : कोयला यानी वह कमजोर नस जिसके दबने से आज रात में तड़प रहा चीन

China Power Crisis : कोयला यानी वह कमजोर नस जिसके दबने से आज रात में तड़प रहा चीन




पेइचिंग
चीन इस समय कोयले की जबरदस्त किल्लत से जूझ रहा है। उत्तर चीन की स्थिति सबसे खराब है। आलम यह है कि बिजली की कमी से कंपनियों में काम ठप है। घरों से बत्ती गुल है। सबसे बुरी तरह प्रभावित जिलिन प्रांत में तो फैक्ट्रियों के बंद होने के साथ-साथ ट्रैफिक सिग्नल्स डाउन हैं, आवासीय इलाकों में लिफ्ट बंद हैं और 3 जी मोबाइल फोन का कवरेज भी बंद है। वॉटर सप्लाई बंद होने की नौबत आ गई है। कोयले के सबसे बड़े उत्पादक चीन के लिए इस वक्त यही कमजोर नस बन गई है, जिसके दबने से ड्रैगन रात के अंधेरे में तड़प रहा है।

दुनिया का सबसे बड़ा कोयला उत्पादक उसकी कमी से कराह रहा
चीन दुनिया का सबसे बड़ा कोयला उत्पादक है। यह अकेले दुनिया में कुल कोयले उत्पादन का करीब आधे का उत्पादन करता है। कोयले की कीमत में बेतहाशा इजाफा हुआ है फिर भी चीन किसी भी कीमत पर कोयले की डिमांड को पूरी करने के लिए छटपटा रहा है। लेकिन यह आसान नहीं है।

घरेलू प्रोडक्शन के साथ इम्पोर्ट भी बढ़ाया लेकिन यह भी नाकाफी
अगस्त तक चीन में पिछले साल के मुकाबले 14 प्रतिशत ज्यादा बिजली उत्पादन हुआ है। कोयले उत्पादन में भी 4.4 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। जून के बाद से कोयले के आयात भी 20 प्रतिशत बढ़ा है। इसके बाद भी चीन को मौजूदा संकट दूर करने के लिए और ज्यादा कोयले की जरूरत है। घरेलू उत्पादन अपने चरम पर पहुंच चुका है लिहाजा उसके जरिए यह गैप भरना बहुत मुश्किल है। आगे ठंड का मौसम है, इस वजह से कोयले की डिमांड अभी और बढ़ेगी लेकिन आपूर्ति मुश्किल है।
ऑस्ट्रेलिया से पंगे में दब गई कमजोर नस!
चीन और ऑस्ट्रेलिया के बीच तनाव का असर ट्रेड पर भी पड़ा है। पिछले साल चीन ने ऑस्ट्रेलिया से कोयला नहीं खरीदने का फैसला किया। आज वह फैसला उलटा पड़ता दिख रहा है। ऑस्ट्रेलिया से आयात बंद करने की भरपाई के खातिर चीन ने कुछ दक्षिण एशियाई देशों और यूरोप से कोयले का आयात बढ़ा दिया और दक्षिण अफ्रीका से खरीद शुरू कर दी। इसके बाद भी कोयले की पर्याप्त सप्लाई नहीं हो पा रही। यूरोप खुद ऊर्जा संकट से बचने के लिए ऑस्ट्रेलिया से कोयले की खरीद बढ़ा दी है।

(स्रोत : नवभारत टाइम्स)



No comments:

Post a Comment