Tuesday 19 October 2021

बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा का दौर जारी, ममता बनर्जी चुप, तस्लीमा नसरीन ने पूछा गंभीर सवाल

बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा का दौर जारी, ममता बनर्जी चुप, तस्लीमा नसरीन ने पूछा गंभीर सवाल


नई दिल्ली
बांग्लादेश में हिंदुओं पर सिलसिलेवार हमलों ने विश्व बिरादरी का ध्यान खींचा है, लेकिन भारत में हैरान करने वाली चुप्पी है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री सुश्री ममता बनर्जी ने भी अब तक कुछ ऐसा नहीं कहा कि जिससे बांग्लादेश के पीड़ित हिंदू परिवारों के जख्मों पर मरहम लग सके। उधर, निर्वासित बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन अपने देश में हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर रही हैं, साथ ही यह सवाल भी उठा रही हैं कि भारत में अल्पसंख्यक हितों की बात करने वाले बांग्लादेशी अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर चुप क्यों हैं?

लगातार हो हैं हिंदुओं पर हमले
बांग्लादेश की एक संस्था ऐन ओ सालिश केंद्र के मुताबिक, जनवरी 2013 से इस वर्ष सितंबर महीने के बीच वहां हिंदुओं पर 3,679 हमले हो चुके थे। बांग्लादेश में दुर्गापूजा के दौरान हिंदुओं के खिलाफ शुरू हुई हिंसा का नया दौर पिछले सप्ताह से ही जारी है। मुस्लिम कट्टरपंथी हमलावरों के एक समूह ने ताजा हिंसा में हिंदुओं के 66 घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया और करीब 20 घरों में आग लगा दी। बीडीन्यूज24.कॉम की खबर के मुताबिक, रविवार रात को सौ से अधिक लोगों की भीड़ ने राजधानी ढाका से करीब 255 किमी दूर रंगपुर जिले के पीरगंज स्थित एक गांव में आगजनी की। खबर में जिले के पुलिस कप्तान मोहम्मद कमरूजम्मां के हवाले से बताया गया कि एक फेसबुक पोस्ट से अफवाह फैली कि गांव के एक युवा हिंदू व्यक्ति ने 'धर्म का अपमान' किया है।

मुस्लिम कट्टरपंथियों ने जलाए हिंदू गांव
कोमिला इलाके में दुर्गापूजा के एक पंडाल में कथित ईशनिंदा के बाद फैले सांप्रदायिक तनाव के कारण आग लगाने की घटना हुई है। पिछले हफ्ते कोमिला इलाके में हुई घटना के कारण हिंदू मंदिरों पर हमले किए गए और कोमिला, चांदपुर, चटग्राम, कॉक्स बाजार, बंदरबन, मौलवीबाजार, गाजीपुर, फेनी सहित कई जिलों में पुलिस और हमलावरों के बीच संघर्ष हुए।

पिछले कई दिनों से मुस्लिम और हिंदू प्रदर्शनकारी ढाका सहित देश के विभिन्न हिस्सों में सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। बांग्लादेश हिंदू बुद्धिस्ट क्रिश्चियन यूनिटी काउंसिल ने आरोप लगाया है कि चांदपुर एवं नोआखाली में हमलों में कम से कम चार हिंदू श्रद्धालुओं की मौत हो गई। इस बीच अपराध निरोधक बल रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी) ने फेनी में हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय की दुकानों एवं मंदिरों में तोड़फोड़ को लेकर दो और लोगों को गिरफ्तार किया है।

अमेरिका ने जताई चिंता
अमेरिका ने इन घटनाओं की निंदा करते हुए हिंदू अल्पसंख्यकों के जान-माल की रक्षा की गुहार लगाई है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, 'धर्म चुनने की आजादी, मानवाधिकार है। दुनिया का प्रत्येक व्यक्ति, फिर चाहे वह किसी भी धर्म या आस्था को मानने वाला हो, उसका अपने अहम पर्व मनाने के लिए सुरक्षित महसूस करना जरूरी है।' प्रवक्ता ने कहा, 'विदेश मंत्रालय, बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दू समुदाय के लोगों पर हाल में हुए हमलों की घटनाओं की निंदा करता है।'

अमेरिका के हिन्दू अधिकार समूह हिन्दूपैक्ट के कार्यकारी निदेशक उत्सव चक्रवर्ती ने कहा, 'यह देखना खासतौर पर भयावह है कि नोआखाली में बसे हिन्दुओं पर इस तरह से हमले हो रहे हैं...।' हिन्दूपैक्ट ने कहा कि बांग्लादेश में मूल हिंदू समुदाय के लोग लगातार भेदभाव और नफरत का शिकार हो रहे हैं। वहां अल्पसंख्यक आबादी 1940 में 28% थी और तेजी से घट कर 9% पर आ गई है।

मुखर हुई तस्लीमा नसरीन की आवाज
उधर, तस्लीमा ने बांग्लादेश के हालात पर अपनी बहुचर्चित पुस्तक 'लज्जा' की याद दिलाई। उन्होंने आग में धधकते हिंदू गांव की तस्वीर शेयर करते हुए ट्वीट किया, 'लज्जा आज भी प्रासंगिक है।'


तस्लीमा ने हिंदुओं पर अत्याचार की कई और तस्वीरें साझा करते हुए अपना रोष प्रकट किया है और लगे हाथों भारत के कथित उदारवादियों की मंशा पर भी सवाल खड़ा किया है। उन्होंने पूछा, 'मैं समझ नहीं पाती हूं कि अपने देश की अल्पसंख्यक आबादी का समर्थन करने वाले महान भारतीय मुझसे नफरत क्यों करते हैं जब मैं अपने देश की अल्पसंख्यक आबादी की समर्थन करती हूं!'


उन्होंने बांग्लादेश के पीड़ित हिंदुओं की मदद के लिए चंदा भी जुटा रही हैं। तसलीमा ने ट्विटर पर इसका डीटेल दिया है।

ममता बनर्जी की हैरतअंगेज चुप्पी
ध्यान रहे कि भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की आवाज उठाने वाले बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे लगातार हिंसक हमलों पर चुप हैं। पश्चिम बंगाल की सीमा बांग्लादेश से सटी है। बांग्लादेश में भी बांग्ला भाषी हिंदू ही हैं जिनका प. बंगाल से काफी नजदीकियां हैं। लेकिन, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कुछ करना तो दूर, खौफ में जी रहे बांग्लादेशी हिंदू परिवारों को आश्वासन भी देने की भी जरूरत नहीं समझी है।

हालांकि, उनकी सरकार ने प्रशासन और पुलिस अलर्ट पर रहने का निर्देश जरूर दिया है। राज्य सरकार ने सभी पुलिस कमिश्नरियों, अतिरिक्त सीपी, एसपी, डीआईजी और आईजीपी, उत्तर बंगाल के आईजी (आईबी), क्षेत्रीय आईजी, एडीजी और रेलवे के डीजीपी को लिखित निर्देश भेजकर सतर्क रहने और कोई अप्रिय घटना होने पर तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया है। सभी सीमावर्ती जिलों को हाई अलर्ट पर रखते हुए जिला प्रशासन को संवेदनशील इलाकों पर कड़ी नजर रखने के लिए कहा गया है।

(स्रोत : नवभारत टाइम्स)


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