Saturday 20 November 2021

करप्शन के कुलपति! 30 करोड़ की हेराफेरी, 1 करोड़ नकद जब्त, बिहार से यूपी तक कलंक कथा

करप्शन के कुलपति! 30 करोड़ की हेराफेरी, 1 करोड़ नकद जब्त, मगध विश्विद्यालय के उप-कुलपति पर कार्यवाही


शक्तिशाली मगध साम्राज्य के नाम पर बने मगध विश्वविद्यालय को करप्शन का घुन लग गया है। मंदिर के रखवाले पर ही लूटने का आरोप लगा है। जिस पर यूनिवर्सिटी की गरिमा बनाए रखने की जिम्मेदारी थी, वो ही भ्रष्टाचार की गंगोत्री में डुबकी लगाने लगा। कुलपति राजेंद्र प्रसाद के ठिकानों पर गोरखपुर से लेकर बोधगया तक छापेमारी हुई।
नोट गिनते-गिनते थक गई अफसरों की उंगलियां

राजेंद्र प्रसाद के घर जब विशेष निगरानी यूनिट की टीम छापेमारी की तो नोट गिनते-गिनते उनकी उंगलियां थक गई। बाद में नोट गिननेवाली मशीनें मंगाई गई। करीब एक करोड़ नकदी के साथ गहने और कई प्लॉट के दस्तावेज मिले हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक विजिलेंस टीम ने जब एक आलमारी खोली तो उसमें नोटों की गड्डियां भरभरा कर गिरने लगी। अब संपत्तियों की मूल्यांकन के लिए दूसरे डिपार्टमेंट के अफसरों को लगाया गया है। कहा जा रहा है कि राजेंद्र प्रसाद की एक्टिविटी पर पिछले तीन महीने से विशेष निगरानी के अफसर नजर रखे हुए थे। अब तक 30 करोड़ की अनियमितता की जानकारी मिली है। इस मामले में जनवरी में कुलपति प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद, उनके सहयोगी सुबोध कुमार, ओम प्रकाश, जितेंद्र कुमार और लखनऊ की प्राइवेट कंपनियों के खिलाफ सर्च वारंट लिया गया था।

प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद की पूरी कुंडली समझिए

मगध विश्वविद्यालय के कुलपति विशेष निगरानी यूनिट के राडार पर हैं। मूलत: ये बिहार नहीं बल्कि यूपी के गोरखपुर के रहनेवाले हैं। गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति के साथ यूपी में कई अहम पदों पर रह चुके हैं। 17 जून 2016 को प्रयागराज राज्य विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति बने तो चर्चा में आ गए। वैसे पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के राजेंद्र प्रसाद काफी करीबी माने जाते हैं। समाजवादी पार्टी के शासनकाल में इनका करियर उछाल पर आया। उस समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव थे।


मुलायम परिवार का करीबी होने का फायदा?

गोरखपुर विश्वविद्यालय में रक्षा अध्ययन विभाग के राजेंद्र प्रसाद (24 दिसंबर 1990 से 4 जुलाई 2008 तक) करीब 18 वर्षों तक विभागाध्यक्ष रहे। फिर ऊंचाइयों पर राजेंद्र प्रसाद चढ़ते गए और 2016 में गोरखपुर विश्वविद्यालय में प्रभारी कुलपति के रूप में नियुक्त किए गए। राजेंद्र प्रसाद जब गोरखपुर विश्वविद्यालय में रक्षा अध्ययन विभाग के अध्यक्ष थे तो नेशनल कांग्रेस फॉर डिफेंस स्टडीज (एनसीडीएस) नाम का कार्यक्रम कराया था। इसके उद्घाटन के लिए राजेंद्र प्रसाद के न्योते पर तत्कालीन रक्षामंत्री मुलायम सिंह यादव आए थे। तब गोरखपुर में चर्चा थी कि मुलायम सिंह यादव इन्हें रक्षा सलाहकार भी बना सकते हैं।


छापे में पाउंड, डॉलर और रियाल भी मिला

मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद के आवास पर हुई कार्रवाई के दौरान 95 लाख रुपए, 15 लाख से अधिक के जेवरात और साढ़े सात लाख की विदेशी करेंसी बरामद हुई। इसमें ब्रिटिश पाउंड, ऑस्ट्रेलियाई डॉलर, सऊदी अरब का रियाल और चीनी करेंसी तक शामिल है। अब इनके विदेश यात्रा का रिकॉर्ड भी खंगाला जा रहा है। पूछताछ के दौरान उनके पास विदेशी करेंसी कहां से आई, इसका सही जवाब राजेंद्र प्रसाद नहीं दे पाए।


मगध यूनिवर्सिटी के कुलपति पर आरोप क्या है?

प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद पर आरोप हैं कि 30 करोड़ रुपए की बंदरबांट उन्होंने किया है। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। कई दूसरे विश्वविद्यालयों के पदाधिकारी भी रडार पर हैं। एसवीयू को जांच के दौरान कई अहम जानकारियां मिली है। आरोप लगाया गया है कि राजेंद्र प्रसाद ने टेंडर प्रॉसेस को दरकिनार कर लखनऊ की दो कंपनियों को मगध विश्वविद्यालय में सामान सप्लाई का जिम्मा दिया था।
राजेंद्र प्रसाद के खिलाफ दायर किया गया था PIL

मुजफ्फरपुर के बीआरएस यूनिवर्सिटी तक में कंपनियों के नाम जुड़ने की सूचना है। जांच की जा रही है। रांजेंद्र प्रसाद पर मगध विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संयोजक सूरज सिंह ने पीआईएल दाखिल किया था। इनका आरोप हैं कि कुलपति राजेंद्र प्रसाद ने 16 करोड़ रुपए के कॉपी-किताब और ऑनलाइन लाइब्रेरी के नाम पर गड़बड़ी की है। इसके अलावा सुरक्षा गार्डों की नियुक्ति में भी अनियमितता बरती गई।

(स्रोत : नवभारत टाइम्स)




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