21 लाख की गाड़ी दो लाख में नीलाम कर दी, अब बिहार सरकार को 16 लाख भरने पड़ेंगे
गौरतलब है कि 26 दिसंबर 2022 को गाड़ी से 477 लीटर विदेशी शराब मिलने के आरोप में गाड़ी को जब्त कर पातेपुर कांड संख्या 346/22 दर्ज कर कार्रवाई शुरू की गई। लेकिन गाड़ी मालिक को कार्रवाई का नोटिस नहीं दिया गया। और महुआ एसडीओ के 29 सितम्बर 2023 के आदेश से गाड़ी को 2.2 लाख में नीलाम कर दिया गया। जबकि गाड़ी को किराए पर राजस्थान के जोगा राम को दिया गया था। गाड़ी जब्त होने के तीन माह बाद गाड़ी मालिक को इस घटना की सूचना दी गई।
कोर्ट का कहना था कि अदालती आदेश के आलोक में गृह विभाग सह उत्पाद निषेध के एसीएस की ओर से जिलाधिकारी, पुलिस अधिकारी और उत्पाद अधिकारियों को जारी निर्देश में कहा गया कि जिस गाड़ी से शराब की बरामदी नहीं हो, तो उसे जब्त नहीं किया जाये। शराब पी कर गाड़ी चलाने की स्थिति में और गाड़ी से शराब नहीं पाये जाने पर गाड़ी को जब्त नहीं किया जाये। इस केस में गाड़ी मालिक महाराष्ट्र के हैं, और उन्हें नोटिस नहीं भेजा गया।
यही नहीं गाड़ी नीलामी की सूचना बिहार के समाचार पत्र में दिया गया। कोर्ट ने विभाग के कार्रवाई से नाराज होकर विभाग के प्रधान सचिव को अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने और 21 लाख रुपए जमा करने का आदेश दिया। इस आदेश की वैधता को विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने विभाग के अर्जी को खारिज कर दिया।
(स्रोत: "हिन्दी" हिन्दूस्तान, पटना एडीशन)
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