Saturday 5 March 2022

रूस को महंगा पड़ गया चीन का सस्ता टायर, यूक्रेन में रूसी सेना के 64 किमी लंबे काफिले पर लगा ब्रेक!

रूस को महंगा पड़ गया चीन का सस्ता टायर, यूक्रेन में रूसी सेना के 64 किमी लंबे काफिले पर लगा ब्रेक!


कीव: यूक्रेन ने पिछले दस दिनों में रूसी सेना  को कई बड़े जख्म दिए हैं। दोनों देशों की फायर पावर में जमीन-आसमान का अंतर  है। हमले के शुरुआती दिनों में ऐसा माना जा रहा था कि रूस की ताकत के आगे यूक्रेन जल्द ही घुटने टेक देगा। लेकिन, यूक्रेनी सेना ने अमेरिका और यूरोपीय देशों से मिले हथियारों के दम पर रूसी सेना को तगड़ी चोट पहुंचाई। विशेषज्ञों का मानना है कि यही कारण है कि यूक्रेन में रूसी सेना की गति धीमी हुई है। अमेरिका ने तनाव के शुरुआती दिनों से ही यूक्रेन को भारी मात्रा में सैन्य मदद  दी है। अब हाल में ही उन हथियारों की क्लासीफाइड लिस्ट सार्वजनिक हुई है, जिसे अमेरिका ने यूक्रेन को सौंपा था। इसमें एंटी टैंक, एंटी एयर और एंटी आर्मर्ड मिसाइलें भी शामिल हैं। इस लिस्ट से पता चलता है कि अमेरिका दिसंबर के शुरुआत से ही यूक्रेनी सेना को शहरी क्षेत्रों में लड़ने के लिए उपयोगी हथियारों और उपकरणों से लैस कर रहा था। इसमें शॉटगन और स्पेशल शूट भी शामिल हैं, जिन्हें पहनकर बिना फटे विस्फोटकों को निष्क्रिय किया जा सकता है।

स्टिंगर और जेवलिन मिसाइल भी शामिल
वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, बाइडेन प्रशासन ने पिछले कुछ हफ्तों में यूक्रेन को पहली बार स्टिंगर एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम, एंटी टैंक जेवलिन मिसाइलों और अन्य गोला-बारूद की आपूर्ति बढ़ाई है। इससे पता चलता है कि रूस को हराने के लिए अमेरिका ने किस कदर यूक्रेन की मदद की है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की अमेरिका और नाटो से लगातार और ज्यादा सैनिक और हथियारों की मांग कर रहे हैं। हालांकि, राष्ट्रपति जो बाइडेन कई मौकों पर यूक्रेन में अमेरिकी सैनिकों की तैनाती की संभावनाओं को खारिज कर चुके हैं। एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने शुक्रवार को अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यूक्रेन को दी जा रही सैन्य मदद एक सतत प्रक्रिया है।

अमेरिकी हथियारों के दम पर यूक्रेन ने मचाई तबाही
यूक्रेन ने इन्हीं हथियारों के दम पर रूसी सेना के आक्रमण को धीमा किया। इसके बावजूद रूस ने यूक्रेन के पूर्वी इलाकों के कई शहरों पर कब्जा जमा लिया है। राजधानी कीव और दूसरा सबसे बड़ा शहर खारकीव भीषण बमबारी की चपेट में है। रूसी सेना हमले की शुरुआत के एक दिन बाद यानी नौ दिनों से इन दोनों शहरों पर कब्जे के लिए हमला कर रही है। हालांकि, यूक्रेन को दी गई अमेरिकी हथियारों की सूची देखने से पता चला है कि बाइडेन प्रशासन पहले से ही जानता था कि कीव को क्या-क्या जरूरत है। जिसके बाद अमेरिका ने कीव को रक्षात्मक हथियार ही ज्यादा मात्रा में दिए हैं। अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि हम हमेशा देखते हैं कि यूक्रेन को क्या चाहिए, और हम वर्षों से ऐसा कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि हमने आवश्यकताओं की पहचान करने की अपनी प्रक्रिया को तेज कर दिया है।


रूसी हेलीकॉप्टरों और टैंको को बना रहे निशाना
क्लासिफाइड लिस्ट के अनुसार, अमेरिका ने यूक्रेन को स्टिंगर मैन-पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम का बड़ा जखीरा भेजा है। ये ऐसे हथियार हैं, जिनके दम पर यूक्रेनी सेना ने रूस के कई अटैक और ट्रांसपोर्ट हेलीकॉप्टरों और कम ऊंचाई पर उड़ने वाले यूएवी को मार गिराया है। सोशल मीडिया पर कई रूसी हेलीकॉप्टरों को मार गिराने के कई वीडियो भी वायरल हो रहे हैं। अमेरिका ने इसके अलावा जेवलिन मिसाइलों और लॉन्चरों का शिपमेंट भी भेजा है। जेवलिन एंटी टैंक और एंटी आर्मर्ड मिसाइलें हैं, जिन्होंने रूस के कई टैंक और ट्रकों को तबाह किया है। पूरे यूक्रेन में रूसी सेना के बर्बाद हुए टैंक और आर्मर्ड व्हीकल इन हथियारों के ताकत की गवाही भी दे रहे हैं।

अमेरिका ने रॉकेट लॉन्चर, शॉटनग और मिनी गन भी दिया
अमेरिका ने फरवरी के अंत में यूक्रेन को 350 मिलियन डॉलर के हथियार दिए हैं। अमेरिका ने दिसंबर में भी यूक्रेन को 200 मिलियन डॉलर के हथियार दिए थे। अभी तत्काल भेजे गए शिपमेंट में M141 सिंगल-शॉट शोल्डर-लॉन्च रॉकेट लॉन्चर, M500 शॉटगन, Mk-19 ग्रेनेड लॉन्चर, M134 मिनी गन शामिल हैं। इसके अलावा अमेरिका ने विस्फोटकों को ठिकाने लगाने वाले स्पेशल शूट भी यूक्रेन भेजे हैं। इनका इस्तेमाल आबादी वाले इलाकों में बिना फटे गिरे हुए विस्फोटकों को हटाने में किया जाएगा। अमेरिका उन 14 देशों की सूची में शामिल है, जिसने यूक्रेन को पिछले दो-तीन महीनों में भारी मात्रा में हथियार सप्लाई किए हैं।

(Source : Navbharat Times)

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