Friday 11 March 2022

J-10 Vs Rafale : पाकिस्तानी वायु सेना में शामिल हुआ चीन का J-10 लड़ाकू विमान, जानें राफेल के मुकाबले कितना ताकतवर

 J-10 Vs Rafale : पाकिस्तानी वायु सेना में शामिल हुआ चीन का J-10 लड़ाकू विमान, जानें राफेल के मुकाबले कितना ताकतवर

Written by for Navbharat Times


इस्लामाबाद: पाकिस्तानी वायु सेना ने चीन के J-10C लड़ाकू विमान (J-10 Fighter) को औपचारिक रूप से शामिल कर लिया है। पाकिस्तानी पंजाब के मिन्हास एयरबेस पर इस विमान का कमीशनिंग समारोह आयोजित किया गया। इस समारोह में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा भी शामिल हुए। इस दौरान इमरान खान ने दावा किया कि J-10 विमान के पाकिस्तानी वायु सेना में शामिल होने से क्षेत्रीय असंतुलन खत्म हो जाएगा। जिसके बाद यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या चीन में बना J-10 लड़ाकू विमान भारत के राफेल लड़ाकू विमान को टक्कर दे सकता है या नहीं। इमरान खान कई बार भारत के राफेल को लेकर आक्रामक बयान दे चुके हैं।

चीन ने इजरायली विमान की कॉपी कर बनाया J-10
चीन ने J-10 लड़ाकू विमान को इजरायल के आईएआई लवी को कॉपी करके तैयार किया है। इजरायल ने लवी लड़ाकू विमान को बनाने का प्रॉजेक्ट आज से 34 साल पहले ही बंद कर दिया था। जे-10 चीनी वायु सेना में मौजूद सबसे अधिक संख्या वाला लड़ाकू विमान भी है। ऐसे में इजरायली कबाड़ को खरीदने के बाद पाकिस्तान के बयानों को उसका बड़बोलापन माना जा सकता है। वहीं, भारत का राफेल 4.4 जेनरेशन का मल्टीरोल, मल्टीमिशन लड़ाकू विमान है। इस विमान ने फ्रांसीसी वायु सेना की तरफ से कई बड़े मिशन में अपनी ताकत का लोहा मनवा चुका है।

चीन के पास 488 J-10 लड़ाकू विमान
वर्तमान में चीनी वायु सेना और नौसेना में जे-10 के कुल 488 यूनिट ऑपरेशनल हैं। चीन ने इस विमान को पहली बार 2005 में लॉन्च किया था। J-10 डेल्टा विंग और कैनार्ड डिजाइन वाला सिंगल-इंजन मल्टीरोल फाइटर है। J-10 में 11 हार्डपॉइंट, एक एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्केन्ड एरे रडार और एक 23 एमएम की गन लगाई गई है। ऐसा माना जाता है कि यह मैक 2 की स्पीड से लगभग 60,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है।

जे-10 के ऐविओनिक, रडार और इंजन के बारे में जानें
जे-10 के कॉकपिट में तीन लिक्विड क्रिस्टल (एलसीडी) मल्टी-फंक्शन डिस्प्ले लगे हुए हैं। इसके अलावा इस विमान में चीन में ही बना हुआ एक होलोग्राफिक हेड-अप डिस्प्ले भी लगा हुआ है। ये सभी डिस्प्ले चीन में बने अडवांस हेलमेट माउंटेड साइट के साथ आसानी से काम कर सकते हैं। चेंगदू एयरक्राफ्ट इंडस्ट्री कॉरपोरेशन के अधिकारियों के अनुसार J-10 में चीन में डिजाइन किए गए मल्टी-मोड फायर-कंट्रोल रडार का इस्तेमाल किया गया है। इस विमान में प्लानर ऐरे एंटीना लगा हुआ है, जो एक साथ 10 लक्ष्यों को ट्रैक करने में सक्षम है। जे-10 को पावर देने के लिए इसमें AL-31FN टर्बोफैन इंजन का इस्तेमाल किया गया है।

भारत का राफेल हर मामले में J-10 से बेहतर
राफेल में भारत की जरूरतों के हिसाब से बदलाव किया गया है। राफेल की रेंज 3,700 किलोमीटर है। यह लड़ाकू विमान अपने साथ अलग-अलग तरह की कई मिसाइलों को लेकर उड़ान भर सकता है। राफेल की लंबाई 15.30 मीटर और ऊंचाई 5.30 मीटर है। राफेल का विंगस्‍पैन सिर्फ 10.90 मीटर है जो इसे पहाड़ी इलाकों में उड़ने के लिए आदर्श एयरक्राफ्ट बनाता है। विमान छोटा होने से उसकी मैनुवरिंग में आसानी होती है। राफेल इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर टेक्नोलॉजी के हिसाब से दुनिया में सर्वोत्तम लड़ाकू विमान है। इसमें मिटिओर और मीका जैसी दुनिया की सबसे घातक मिसाइलें भी लगाई जा सकती हैं। इसके अलावा भारत के राफेल में हवा से जमीन पर मार करने वाले बेहद घातक स्कैल्प मिसाइल को भी फायर किया जा सकता है।

(Source : Navbharat Times)

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