Thursday 10 February 2022

बेरोजगारी और कर्ज से 25,000 से ज्यादा भारतीयों ने लगाया मौत को गले, सरकार ने खुद दी जानकारी

बेरोजगारी और कर्ज से 25,000 से ज्यादा भारतीयों ने लगाया मौत को गले, सरकार ने खुद दी जानकारी


नई दिल्ली: लगातार बढ़ रही बेरोजगारी देश की चिंता बढ़ा रही है. आलम यह है कि नौकरी नहीं मिलने की वजह से परेशान होकर भारतीय आत्महत्या कर रहे हैं. नौकरी नहीं मिलने की वजह से लोगों पर बढ़ रहा कर्ज का बोझ भी उनके लिए मुश्किलें पैदा कर रहा है. समस्या इतनी गंभीर हो गई है कि बेरोजगारी और कर्ज ने 25,000 से ज्यादा भारतीयों को आत्महत्या करने पर मजबूर कर दिया.

यह जानकारी खुद सरकार ने दी है. केंद्रीय बजट पर बहस के दौरान संसद में बेरोजगारी के मुद्दे पर हो रही चर्चा में केंद्र सरकार ने राज्यसभा को बताया कि 2018 और 2020 के बीच बेरोजगारी या कर्ज के कारण 25,000 से ज्यादा भारतीयों ने आत्महत्या कर ली. सरकार ने ऊपरी सदन को बताया कि बेरोजगारी के कारण 9,140 लोग और दिवालियापन या कर्ज के कारण 16,091 लोगों ने मौत को गले लगा लिया.

2020 में सबसे ज्यादा लोगों ने दी जान
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी. उन्होंने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि बेरोजगारों में आत्महत्याएं बढ़ रही हैं. 2020 के महामारी साल में यह संख्या 3,548 पहुंच गई है, जो उच्चतम है. 2018 में 2,741 लोगों ने बेरोजगारी के कारण जीवन खत्म कर लिया था.

2019 में  2,851 भारतीयों ने ऐसा कदम उठाया था. हालांकि, कर्ज के दबाव के कारण होने वाली मौतों की प्रवृत्ति एक सही नहीं थी. 2018 में दिवालियापन के कारण 4,970 लोगों ने आत्महत्या कर ली. 2,019 में यह आंकड़ा बढ़कर 5,908 हो गया. 2020 में 5,213 लोगों ने जान दे दी.

बार-बार उठा बेरोजगारी का मुद्दा
चल रहे बजट सत्र के दौरान विभिन्न विपक्षी सांसदों की तरफ से बेरोजगारी का मुद्दा कई बार उठाया गया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि बजट महामारी के मद्देनजर देश के सामने आने वाले मुद्दे से निपटने के लिए बहुत कम प्रदान करता है. गृह राज्य मंत्री ने कहा कि सरकार मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित कर और रोजगार के अवसर पैदा कर इस मुद्दे का समाधान करना चाह रही है.

मानसिक विकार दूर कर रही सरकार
राय ने कहा कि मानसिक विकारों के बोझ को दूर करने के लिए सरकार राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (NMHP) को लागू कर रही है. देश के 692 जिलों में एनएमएचपी के तहत जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (DMHP) के कार्यान्वयन का समर्थन कर रही है.

(Source : News 18)

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